रूस और यूक्रेन के बीच फंसे भारतीय छात्र छात्राये फसे है उनको सरकार जल्द से जल्द वापस लाने के लिए ज्ञापन दिया। रूस और यूक्रेन में भयानक जंग चल रही है। और हमारे देश के बच्चे जो अध्ययनाथ यूक्रेन में प्रवास कर रहे इस समय उनकी जान खतरे में है। युद्ध की सूचनायें एक माह से मिल रही थीं कि रूस और यूक्रेन में कभी भी जंग आरम्भ हो सकती है, ऐसी स्पष्ट स्थिति में विदेशों में स्थित हमारे दूतावास के जिम्मेदार सोते रहे परिणामस्वरूप मध्यम वर्ग के विषयान्तर्गत समस्त छात्रों की जान आज खतरे में है।
ऐसी विकट स्थिति में एअर इण्डिया के संचालकों ने किराया दो गुना कर छात्रहितों की अपेक्षा करके मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति का परिचय दिया है। जानकारी मिल रही है कि कुछ एअरवेज एजेन्सियों ने किराया 30 हजार से बढ़ाकर 75 हजार और कुछ ने उससे भी ज्यादा किराया कर दिया, मध्यम वर्ग के लोगों के लिये इस प्रकार की किराया वृद्धि भारी पड़ी और हमारे देश के बच्चों की जान खतरे में पड़ गयी।
वर्तमान में बच्चे भूख और ठण्ड से बेहाल होकर बीमार पड़ रहे हैं और हमारे दूतावासों से उन्हें मदद नहीं मिल रही, दृश्य ऐसे भी मिल रहे कि यूक्रेन की पुलिस हमारी बच्चियों और बच्चों की पिटाई कर रहे जो हृदय विदारक है। हमारे मंच का दृष्टिकोण है कि सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण खतरनाक है यदि आज हमारी सार्वजनिक एअरवेज होती तो न किराया बढ़ाया जाता न बच्चे खतरे में पड़ते। बच्चों के माँ-बाप भारत में तड़प रहे हैं एवं बच्चे यूक्रेन में तड़प रहे हैं। हमारे मंच की मांग है कि यूक्रेन से हमारे बच्चों को स्वदेश लाने के लिये सम्बन्धित देशों से वार्ता कर भारतीय वायुसेना के वायुयानों की अविलम्ब मदद ली जाये, एवं बिना शुल्क के विद्यार्थियों को उनके घर सुरक्षित पहुँचाया जाये। साथ ही एअरवेज एजेन्सियों की आपराधिक मुनाफाखोरी एवं विदेश स्थित दूतावासों की लापरवाही की जाँच कराके दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाये यह सरकार का नैतिक दायित्व है।
भारत रक्षा जन सुरक्षा मंच द्वारा जिलाधकारी के माध्यम से राष्टपति को ज्ञापन


















