प्रो. नरेंद्र मोहन पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान और सलाहकार, भारतीय शर्करा एवं जैव ऊर्जा संघ, चीनी मिलों में चीनी क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए उन्नत स्वचालित प्रणाली स्थापित करने में स्पेंसर एंड वर्सटाइल कंपनी, पुणे को मार्गदर्शन देंगे, जो स्वदेशी रूप से विकसित है और “मेक इन इंडिया” विजन के अनुरूप है।
महाराष्ट्र के कुछ चीनी मिलों में पहले से ही परीक्षण की गई, यह स्वचालित नियंत्रण प्रणाली चीनी क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया में क्रांति लाने वाली है। वर्तमान में,अधिकांश चीनी मिलों में, चीनी के क्रिस्टलीकरण की दक्षता मानव कौशल पर निर्भर करती है और इस प्रकार चीनी क्रिस्टल के आकार और समग्र गुणवत्ता में भिन्नता से बचा नहीं जा सकता है। साथ ही चीनी क्रिस्टल प्राप्त करने की प्रक्रिया में अधिक समय लगता है और ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है।
प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में, जहाँ बड़े क्रिस्टल आकार की चीनी को प्राथमिकता दी जाती है, यह प्रणाली कम ऊर्जा आवश्यकताओं के साथ एक समान चीनी गुणवत्ता बनाए रखने में बहुत मददगार साबित होगी। उन्होंने आगे कहा कि जहाँ ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता वाली चीनी मिलेगी, वहीं चीनी मिलों को बेहतर उत्पाद गुणवत्ता के कारण अधिक बिक्री मूल्य प्राप्त होगा।
यह सहयोग चीनी उद्योग में नवाचार और उन्नत तकनीक लाने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्पेंसर एंड वर्सेटाइल कंपनी के श्रीराम एंट्रोलिकार ने कहा कि क्रिस्टलीकरण जैसे महत्वपूर्ण चरण में स्वचालन की खोज करके, हमारा लक्ष्य प्रक्रिया दक्षता को बढ़ाना, उत्पादकता में सुधार करना और एक अधिक टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार उद्योग में योगदान देना है।















