– सायं 5 बजे जे. के. मंदिर, में होगा सभी यात्राओं का समागम और सांस्कृतिक संध्या महोत्सव ।
– रंगारंग कार्यक्रमों व संगीत प्रस्तुतियों के बीच लोगों को दिया जाएगा गीता ग्रंथ के स्वाध्याय का संदेश दिया जाएगा
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास, के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाँति इस बार भी भारतीय नव वर्ष पर कानपुर महानगर में विशाल गीता संदेश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 30 मार्च 2025 (रविवार) को भारतीय नव वर्ष (विक्रम संवत 2082) के शुभारम्भ दिवस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर नव वर्ष गीता संदेश यात्रा एवं सांस्कृतिक संध्या महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सायं 3 बजे शहर के विभिन्न स्थानों से अनेक भारतीय नव वर्ष गीता संदेश यात्राएँ निकाली जाएँगी, जो श्री राधा कृष्ण मंदिर (जे. के. मन्दिर) पर सायं 5 बजे आकर समाप्त होंगी। यहाँ सभी यात्राओं का स्वागत होने के साथ ही सांस्कृतिक संध्या महोत्सव का आयोजन होगा। यह जानकारी संस्था के पाण्डु नगर स्थित केन्द्रीय कार्यालय में योजित की गई।
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास, के अध्यक्ष डॉ. उमेश पालीवाल ने बताया कि संस्था समाज में पावन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता जी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही है। संस्था द्वारा गत चार वर्षों से कानपुर समेत अन्य ज़िलों में भी घरों में गीता ज्ञान यज्ञ, प्रदेशव्यापी गीता संदेश मानव श्रृंखला, गीता कर्मयोगी सम्मान, गीता जयंती वार्षिक स्मारिका, गीता मनीषियों द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा प्रति वर्ष भारतीय नववर्ष के दिन नववर्ष गीता संदेश यात्रा आदि कार्यक्रमों के माध्यम से जन आन्दोलन चलाया जा रहा है। वर्तमान भारतीय वर्ष में गत 12 दिसम्बर 2024 को श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के दिन विशेष रूप से कानपुर प्रान्त समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 2000 किलोमीटर से अधिक लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर जनमानस विशेष रूप से विद्यार्थियों में गीता को लेकर जागरण तथा रुचि पैदा करने का कार्य किया गया है। गीता जयंती के दिन प्रदेश के 51 स्थानों पर गीता ज्ञानयज्ञ के कार्यक्रम हुए। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में गीता पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ जिसमें 200 अध्यापकों व छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराकर सहभागिता की तथा 50 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये, इस कान्फ्रेंस में आई.आई.एम. बैंगलोर और आई.आई.एम. लखनऊ से आये प्रोफेसरों ने व्याख्यान दिये तथा ईग्लैंड के विद्वान ने आनलाईन व्याख्यान दिये। अनेक स्थानों पर श्रीमद्भगवद्गीता सरस्वती ज्ञान मन्दिर गीता श्लोक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
संस्था के संरक्षक भवानी भीख जी ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति और विरासत को सम्भाल कर रखना है तथा उससे प्रेरणा लेनी है उन्होने कहा कि हमे गीता से जीवन जीने की कला सीखनी है और इस भारतीय नववर्ष महोत्सव में गीता आंदोलन को आगे बढ़ने वाले शहर के विशिष्ट जनों को सम्मानित किया जायेगा।
पत्रकार वार्ता में न्यास के संरक्षक एवं आर.एस.एस. प्रचारक तथा हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के क्षेत्रिय संयोजक पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र श्री अमरनाथ जी ने कहा कि अब भारतीय जनमानस अपने नववर्ष के प्रति जागरूक
हुआ है। हालॉकि लोगों विक्रमी संवत के बारे में बहुत कुछ जानने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि लाईब्रेरियों, थानों, कार्यालयों मन्दिरों में श्रीमद्भगवद्गीता की स्थापना हुयी, डी.ए.वी. कालेज समेत कई महाविद्यालयों में गीता संगोष्ठी का आयोजन हुआ। प्रान्त के 3 विभिन्न जिलों में श्रीमद्भवदगीता परिशिष्ट निकाला गया था, इसी प्रकार इस बार भी भारतीय नववर्ष परिशिष्ट निकाला जायेगा।
संस्था के महामंत्री परमानन्द शुक्ल ने बताया कि न्यास ने श्रीमद्भगवद्गीता को जन-जन पहुचाने के लिये प्रधान मंत्री व मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सौपेंगी जिसमें गीता को पाठ्यक्रम में सम्मलित करने की मॉंग की जायेगी। न्यास के प्रयासों से कई प्रमुख समाचार पत्रों समाज में नववर्ष जागरूकता के लिए काल गणना विषयक आलेख प्रकाशित किये जायेगें। न्यास के प्रयास से सैकड़ो विद्यालयों की प्रार्थना सभाओं में गीता श्लोकों को शामिल किया गया है तथा भविष्य में संस्था द्वारा विद्यालयों में नैतिक शिक्षा को भी पढ़ाने के लिये विभिन्न प्रयास किये जायेंगे। गीता के विद्वान श्री शिवेन्द्र नागर जी की उपस्थिति में न्यास के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों लोगों को गीता शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनायी गयी, यह प्रशिक्षण ऋषिकेश में होगा। न्यास ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी मन्दिरों, विद्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर गीता स्वाध्याय के लिए प्रेरित करने के स्थायी बोर्ड लगवाये जाएँगे, जिससे कि कानपुर महानगर में गीता स्वाध्याय का वातावरण बनाया जा सके। इस
पत्रकार वार्ता में भूपेश अवस्थी, डॉ. रोचना विश्नोई, राजीव महाना, प्रेम चन्द्र अग्निहोत्री, डॉ. यू. सी. सिन्हा, राजेन्द्र अवस्थी, कमल त्रिवेदी, डा. के.के. शुक्ला, अखिलेश शुक्ला, दिलीप राजपूत, हीरेन्द्र मुरझानी, सुरेन्द्र गेरा,दिलीप अवस्थी, शिवसागर मिश्रा, महेन्द्र सिंह, मीना द्विवेदी आदि उपस्थित रहे। पूर्व भाग: सिद्वनाथ मन्दिर से व अन्य यात्राऐं त्रिमूर्ति मन्दिर, रामादेवी पर एकत्रित होंगी। यहॉॅ की यात्रा का निर्देशन महंत श्री अरुण पुरी जी महाराज और श्री राजीव महाना जी करेंगे। पश्चिम भाग: यात्रा पनकी स्थित हनुमान मंदिर से महंत जितेन्द्र दास महाराज और प्रेम चन्द्र अग्निहोत्री के निर्देशन में निकलेगी।
उत्तर भाग: यात्रा इस्कॉन मन्दिर, मैनावती मार्ग से श्री मुकेश पालीवाल व श्री उमेश निगम के निर्देशन में निकलेगी। दक्षिण भाग: सोटे हनुमान मन्दिर व अन्य स्थानों से यात्राएंे दीप टॉकीज़ चौराहा, साकेत नगर में एकत्रित होंगी। यहॉ की यात्रा का निर्देशन श्री भूपेश अवस्थी जी करेंगे। शास्त्री नगर में काली मठिया से यात्रा निकाली जाएगी। सरसैया घाट से डा. रोचना विश्नोई जी के नेतृत्व में यात्रा निकाली जाएगी।
सभी यात्राएँ श्री राधा कृष्ण मंदिर (जे. के. मन्दिर) को प्रस्थान करेंगी तथा सांय 5 बजे जे.के.मन्दिर पहुचेगीं।


















