कानपुर। केसीएएस सीपीई स्टडी सर्कल, सीआईआरसी ऑफ आईसीएआई (KCAS CPE Study Circle of CIRC of ICAI) द्वारा कैप्सूल रेस्टोरेंट, सिविल लाइंस, कानपुर में सीपीई बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दो तकनीकी सत्रों में क्रमशः “Overview of New Income Tax Act 2025” और “Code of Conduct & Professional Ethics” विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
प्रथम सत्र में वक्ता सीए डी. सी. शुक्ला ने बताया कि “नया आयकर अधिनियम 2025” दिनांक 21 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति एवं राजपत्र अधिसूचना के साथ लागू किया गया है, जो 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि इस नए कानून का उद्देश्य 1961 के पुराने जटिल कानून को हटाकर एक सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल प्रणाली स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि पुराने अधिनियम के लगभग 800 पृष्ठों को घटाकर अब नया अधिनियम 622 पृष्ठों, 23 अध्यायों और 536 धाराओं में सीमित किया गया है। अब “असेसमेंट ईयर” और “प्रीवियस ईयर” की जगह “टैक्स ईयर” शब्द का प्रयोग किया जाएगा।
सीए शुक्ला ने बताया कि 200 से अधिक छूटों में से 150 अप्रासंगिक प्रावधान हटाए गए हैं, और डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो एवं वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर स्पष्ट प्रावधान जोड़े गए हैं। करदाताओं को राहत देने हेतु टैक्स-फ्री आय सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख, और स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कानून “Ease of Compliance and Trust-based Taxation” की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
द्वितीय सत्र में वक्ता मध्य भारत क्षेत्रीय परिषद (CIRC) ऑफ ICAI के पूर्व सभापति सीए दीप कुमार मिश्र, ने “सीए पेशे में आचार संहिता एवं व्यावसायिक नैतिकता” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “Ethics is not optional; it is the foundation of the CA profession. (एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का हस्ताक्षर उसकी साख और सत्यनिष्ठा का प्रतीक है।)
सीए दीप मिश्र ने ICAI Code of Ethics के पाँच मूल सिद्धांतों — Integrity (सत्यनिष्ठा), Objectivity (निष्पक्षता), Professional Competence & Due Care (दक्षता व सावधानी), Confidentiality (गोपनीयता), और Professional Behavior (व्यावसायिक आचरण) को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत केवल अनुशासनात्मक नियम नहीं बल्कि चार्टर्ड अकाउंटेंट की आत्मा और सामाजिक विश्वास का आधार हैं।
उन्होंने ICAI Act, 1949, Disciplinary Rules, NFRA की शक्तियों तथा NOCLAR (Non-Compliance with Laws and Regulations) पर भी चर्चा की। सीए मिश्र ने हाल के वास्तविक मामलों (Case Studies) के माध्यम से बताया कि किस प्रकार असावधानी, विज्ञापन, झूठे प्रमाणपत्र या गोपनीय जानकारी साझा करने जैसी त्रुटियों से अनुशासनात्मक कार्यवाही होती है। उन्होंने बताया कि “Documentation हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है (Faintest ink is stronger than strongest memory).
“स्वतंत्रता (Independence) केवल व्यवहार में नहीं, बल्कि दृष्टिगत रूप से भी प्रदर्शित होनी चाहिए।” अंत में उन्होंने सभी सदस्यों से आह्वान किया कि वे ICAI के मूल मूल्यों Excellence, Independence और Integrity को अपने व्यावसायिक जीवन में आत्मसात करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सीए उमा शंकर गुप्ता ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जहाँ एक ओर CPE स्टडी सर्किल के माध्यम से हम कोड ऑफ़ एथिक्स प्रोफेशनल दक्षता हासिल करते हैं वहीं किसी भी प्रकार के कर एवं व्यावसायिक कानूनों में परिवर्तनों से अद्यतन हो पाते हैं, हमें निरंतर इस दिशा में सार्थक प्रयास करते रहने चाहिए।
संचालन सीए प्रशांत कुमार रस्तोगी, कन्वीनर द्वारा किया गया तथा सीए नितिन सिंह, डिप्टी कन्वीनर ने स्वागत भाषण एवं धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सीए राजीव गुप्ता, सीए रमिंदर सिंह, सीए आयुष गुप्ता, सीए अनिल साहू, सीए विष्णू महेश्वरी सहित अनेक वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स उपस्थित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और व्यावहारिक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी रहा।
देवेश तिवारी की रिपोर्ट


















