जुहारी देवी गर्ल्स पी० जी० कालेज के संस्कृत विभाग एवं गीता पीठ, सी० एस० जे० एम० यू० के सयुक्त तत्वावधान में युवा चेतना और गीता’ पर बहुत ही बृहद स्तर पर एक कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ कर्तिक मास में तुलसी माहात्म्य को ध्यान में रखते हुये तुलसी पौधे पर तिलक और दीप प्रजवलन के साथ हुआ। तदन्तर माँ सरस्वती की प्रतिमापर माल्यार्पण के साथ सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गयी। कार्यकम में पधारे सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत पुष्प स्तवक प्रतीक चिन्ह एवं उत्तरीय पहनाकर किया गया। प्राचार्या प्रो० रंजू कुशवाहा ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि आज के समय में आवश्यक हो गया है कि गीता की शिक्षा सभी युवाओं को बालपन से ही दी जानी वाहिये। प्रबन्ध समिति के सह-सचिव अमित जी ने अपने सम्बोधन में छात्राओं को गीता के अध्ययन हेतु प्रेरित किया। महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित विभाग की सलाहकार प्रो० निशा अग्रवाल ने गीता को सार्वकालिक ग्रन्थ बताया। कार्यक्रम संयोजिका प्रो० शालिनी अग्रवाल ने विषय प्रवर्तन करते हुये कहा कि आज की युवा पीढी में सकारात्मक उर्जा का संचार करने की महती आवश्यकता है और यह कार्य गीता अध्ययन एवं अध्यापन से ही सम्भव हो सकता है। विशिष्ट अतिथि प्रो० प्रदीप कुमार दीक्षित ने युवा वर्ग को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज का युवा श्रम कम और उपलब्धि बडी चाहता है जबकि उसको कर्म पर दृष्टि और प्रयत्न रखना बाहिये। जैसा कि गीता में कहा गया है कि “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन मुख्य अतिथि प्रो० राजेश कुमार द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गीता भारतीय सस्कृति की आधारशिला है जो ज्ञान धर्म और कर्म के सच्चे स्वरुप को दर्शाती है। मुख्य वक्ता कानपुर आई० आई० टी० के प्रो० डी०पी० मिश्रा जी ने गीता को मनुष्य और संसार की समस्त समस्याओं के समाधान का मार्ग दर्शक माना। गीता शोध पीठ के समन्वयक डॉ० अनिल गुप्ता जी ने शोध पीठ की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डा० सारिका अवस्थी ने किया एवं कार्यक्रम का समापन प्रो० शालिनी अग्रवाल के धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम में महाविद्यालय की शिक्षिकाओं प्रो० सुनीता द्विवेदी, प्रो० अल्पना राय, प्रो० अर्चना दीक्षित, पो० अलका द्विवदी, डॉ० कशिश, डॉ० शालिनी यादव, डॉ० पूनम एवं डॉ० प्रतिमा यादव ने अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। सरस्वती वन्दना की संगीतमय प्रस्तुति डॉ० मोहिनी शुक्ला के निर्देशन में छात्राओं द्वारा की गयी। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियो सहित लगभग 50-60 छात्राओं ने सहभागिता की।
देवेश तिवारी की रिपोर्ट


















