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पटाखा फोड़ने से मना करने पर दो पक्षों में जमकर मारपीट, चाकू और बेल्ट से हुआ हमला

पटाखा फोड़ने से मना करने पर दो पक्षों में जमकर मारपीट, चाकू और बेल्ट से हुआ हमला

थाने से लौट रही महिला और उसके बेटे पर दोबारा हमला, बुरी तरह पीटा।

पुलिस ने दोनों पक्षों पर शांतिभंग की कार्रवाई की, पीड़िता की बिगड़ी हालत के बावजूद इलाज में देरी का आरोप।

पीड़ित पक्ष का आरोप, पुलिस ने पुरानी रंजिश बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की।

पुलिस पर पीड़ितों को ही आरोपी बनाने का लगा गंभीर आरोप।

कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र के छबीले पुरवा में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक युवती द्वारा चाकू और युवकों द्वारा बेल्ट से हमला करने का मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि थाने में शिकायत दर्ज कराकर लौट रही एक पीड़ित महिला और उसके बेटे पर दूसरे पक्ष ने दोबारा जानलेवा हमला कर दिया। इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जहां पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी फरियाद सुनने के बजाय उन्हें ही आरोपी बना दिया।

जानकारी के अनुसार, छबीले पुरवा निवासी ननकी और दूसरे पक्ष के बीच लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा है। आरोप है कि बीती 18 अक्टूबर को भी दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था, जिसकी सूचना ननकी ने पुलिस को दी थी और पुलिस ने शांतिभंग की कार्रवाई की थी। आज सुजल और राकेश पटाखे फोड़ रहे थे जिससे ननकी की एक माह की नातिन रोने लगी। ननकी ने पटाखों फोड़ने के लिए मना किया तो हिस्ट्रीशीटर राकेश सुजल गाली गलौज करने लगे साथ ही सुजल के परिवार से लख्मी, दिव्या, बदाला, रोहित और लालू भी आ गए और ननकी, उसके पति राजू और बेटों पर हमला बोल दिया।
पहले तो दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिसमें चाकू और बेल्ट का भी इस्तेमाल किया गया। पड़ोसियों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ और दोनों पक्ष अपनी-अपनी शिकायत लेकर जाजमऊ थाने पहुंचे।
मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब ननकी अपने बेटे के साथ थाने से घर वापस लौट रही थी। आरोप है कि छबीले पुरवा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के पास दूसरे पक्ष के लोगों ने घात लगाकर मां-बेटे को रोक लिया और उन पर फिर से हमला कर दिया। दोनों को बुरी तरह पीटने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस घायल मां-बेटे को थाने ले आई। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों का मेडिकल कराकर शांतिभंग में चालान कर दिया।
पीड़ित महिला ननकी की थाने में ही हालत बिगड़ गई और उसे कई बार उल्टियां हुईं। उसकी बेटी घंटों तक अपनी मां के इलाज के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन आरोप है कि जाजमऊ पुलिस ने तत्काल मेडिकल सहायता मुहैया नहीं कराई। पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और पूरे मामले को पुरानी रंजिश और जमीनी विवाद बताकर मामले की गंभीरता को कम करने का प्रयास किया।
पुलिस का कहना है कि यह दोनों पक्षों के बीच पुराना जमीनी विवाद है और उनमें अक्सर विवाद होता रहता है। फिलहाल, पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की है।

मोहम्मद नईम की रिपोर्ट

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