निषाद समाज के लोगों ने जल मार्ग द्वारा तिरंगा रैली निकालकर क्रांतिकारियों को दी श्रद्धांजलि
सत्ती चौरा घाट पर स्थित शहीद स्तम्भ पर शहीद भगतसिंह व समाधान निषाद की फ़ोटो पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि।
कानपुर में 1857 की क्रांति में शहीद हुए निषादो की शहादत में शहर के सत्ती चौरा घाट में निषादो ने शहीद निषादो व क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बताते चले कि 27 जून 1857 की क्रान्ति में अंग्रेज हुकूमत के लोग देश का खजाना अपनी नावों से बिठूर से कलकत्ता ले जा रहे थे। इस दौरान समाधान निषाद और लोचन निषाद ने अपने साथियो के साथ पहुंचकर इन्हें रोकने के लिए अंग्रेजो से टक्कर ली और गंगा नदी में कई हज़ार अंग्रेज़ों को डुबोकर मारा था। अपने साथियों की मौत से गुस्साए ब्रिटीश हुकूमत ने सत्ती चौरा और उसके आस पास के करीब 167 निषादो को पकड़ कर सत्ती चौरा घाट के किनारे लगे पीपल के पेड़ में कच्ची फ़ासी 31 मई 1860 को दे दी थी। आज शहीदों की शहादत को याद करते हुए निषाद समाज ने इन शाहिद क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी है।
सत्ती चौरा शाहिद स्मारक जल विहार मेला कमेटी के अध्यक्ष संदीप निषाद ने बताया कि घाटों पर किसी का अस्तित्व है तो वह अस्तित्व निषाद समाज का है,,, निषाद समाज व कश्यप समाज का अस्तित्व बचाने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया है,,, कहा कि यदि शहीद क्रांतिकारियों को निषाद व कश्यप समाज के लोग श्रद्धांजलि नही दे सकते तो यह निषाद व कश्यप समाज के जीवन के लिए कलंक है,,, शहीदों की सहादत को याद करते हुए जल मार्ग द्वारा तिरंगा यात्रा निकाल कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी, महामंत्री दिलीप शुक्ला, शकील निषाद पार्टी के शहर अध्यक्ष राज निषाद व अन्य लोग मौजूद रहें।