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कानपुर :- क़यामत के दिन जिन चीज़ों का सवाल होगा उनमें एक है कि माल कहां से कमाया और कहां खर्च किया? हर गुज़रता हुआ वक़्त हमको यह एहसास दिला रहा है कि तुम्हारी जिंदगी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। हमें चाहिए कि हम अब भी वक़्त को ग़नीमत जानकर फिक्र कर लें और ग़रीबों व ज़रूरतमंदों पर खर्च करके अपनी आखिरत के लिये नेकी का सामान कर लें। इन विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने जामा मस्जिद अशरफाबाद में जुमा की नमाज़ के बाद ज़रूरतमंदों में रज़ाई वितरित करते हुए व्यक्त किया। इस अवसर पर मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने जो हमें ज़िंदगी दी है उसका एक-एक लम्हा बहुत क़ीमती है, इस जिंदगी में हमें अपनी आखिरत की तैयारी करना है कि किस तरह हम अल्लाह की रज़ा हासिल कर सकते हैं और अल्लाह की रज़ा को हासिल करने का सबसे बेहतरीन ज़रिया अल्लाह के बन्दों की मदद है। मौलाना ने बतलाया कि जमीअत उलमा शहर कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां की सरपरस्ती में मौलाना मुबीनुल हक़ चौक(पुरानी चुंगी) जाजमऊ, बकरमण्डी, अजीतगंज बाबूपुरवा समेत अन्य जगहों पर सैंकड़ों लिहाफ व कम्बल तकसीम किये जा चुके हैं और अब भी यह सिलसिला जारी है। इस अवसर पर जमीअत उलमा शहर कानपुर के कार्यकारिणी सदस्य मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, क़ारी बद्रूज्ज़मां कुरैशी, क़ारी मुहम्मद हुज़ैफा नक़्शबंदी, मौलवी मुहम्मद वासिफ महमूदी, मुहम्मद तौसीफ, मुहम्मद साद के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।

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