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सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं..

कानपुर, गुरूवार। खालसा पंथ के संस्थापक दशमेष पिता साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज का 357वाँ पावन प्रकाश उत्सव  पूर्ण गुरू मर्यादा, उत्साह, श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मनाया गया, प्रातः काल से ही कतार बद्ध हो श्रद्धालू श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के समक्ष माथा टेक कर सरबंसदानी गुरू के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित कर रहे थे। श्री गुरू सिंह सभा कानपुर के तत्वाधान में एवं सभी सिख संगठनों , गुरुद्वारा कमेटियों व समूह साध संगत के सहयोग से श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का पावन प्रकाश उत्सव मनाने के लिए सभी धर्मों एवं वर्गों के लोगों ने मोतीझील के विशाल पंडाल में भव्य आसन पर विराजमान श्री गुरू ग्रन्थ साहिब के समक्ष शीश निवाने के साथ साथ गुरुवाणी कीर्तन एवं गुरुवाणी विचार से निहाल हो गुरू के अतुट लंगर को ग्रहण कर आत्मिक व रूहानी तृप्ति प्राप्त की । इस अवसर पर कोविड़ मापदंडों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया गया, मास्क लगाने की पूर्व में की गई अपील के अतिरिक्त सभा द्वारा संगत के मध्य मास्क उपलब्ध कराए गए, स्वच्छता एवं कोविड जागरूकता के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए सभा द्वारा बैनर भी लगाए गए।
गुरू पर्व के मुख्य समारोह का आरम्भ प्रातः 03.30 बजे श्री सुखमनी साहिब साध संगत द्वारा श्री सुखमनी साहिब के पाठ से हुई, तत्पश्चात सिमरन साधना व “आनन्द साहिब” एवं अमृत वेले की अरदास सम्पन्न हुई, गुरू नानक संगीत जत्था गोविंद नगर ने “नितनेम” किया तो “बीबी इंदर कौर”, गुरू गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल, “भाई सुरिंदर सिंह भाई मोहन सिंह”, प्रेमी जत्था, “भाई नरिंदर सिंह” , “भाई कुलदीप सिंह राजा”, “भाई भूपिंदर सिंह गुरदासपुरी” हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर चौक के जत्थों ने “आसा दी वार” का गायन किया। श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी “भाई गुरमेल सिंह” जी ने ” तहि प्रकाश हमारा भयो, पटना साहिब विखे भव लयो”, “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं…!” का अपनी परिचित शैली में गायन किया तो संगत अपने आप को “वाहेगुरू वाहेगुरू ” जपने से न रोक सकी, गुरमत विचार करते हुए “भाई बलविंदर सिंह जी देहरादून” वालों ने गुरू गोबिंद सिंह जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दशमेष पिता 82 भाषाओं व 185 शस्त्र विद्ययायों के भी ज्ञाता थे, गुरू जी ने धार्मिक आडंबरों का शमन कर नाम बाणी से जुडने का संदेश दिया। गुरू गोबिंद सिंह जी ने कभी किसी से युद्ध व उन पर आक्रमण नहीं किया, उनके द्वारा लड़े गए सभी युद्ध मानवता एवं धर्म की रक्षा के लिए उनके कार्यों को रोकने की खातिर उन पर थोपे गए। पटियाला पंजाब से आए रागी “भाई जसकरन सिंह पटियाला” वालाे ने “नसिरों मंसूर गुरू गोबिंद सिंह, बादशाह दरवेश गुरू गोबिंद सिंह। शाहे शहंशाह गुरू गोबिंद सिंह , हक हक अंदेश गुरू गोबिंद सिंह।।, “सबना का मां प्यो आप है” का समाधुर गायन कर संगत को निहाल किया। मलेरकोटला पंजाब से आए कवि “जमीर अली जमीर” व “बीबी मनजीत कौर” अमृतसर वाले ने अपनी जोशीली रचनाएं सुना कर संगत को निहाल किया।
इस अवसर पर विधायक सुरेंद्र मैथानी, ए.सी.पी विजिलेंस बसंत लाल, ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अध्यक्ष डा. संजय कपूर, कोपो स्टेट दादा नगर के चेयरमैन विजय कपूर, पार्षद मंजीत सिंह , पास्टर जितेंद्र सिंह, धनीराम पैंथर , सिंगर प्रियंका आहूजा आदि का पौधा दे कर सम्मान के साथ साथ पर्यावरण की रक्षा का संकल्प भी लिया गया, श्री अकाल तख्त के निर्णय के चलते गुरू पर्व दीवानों में सिरोपा, स्मृति चिन्ह आदि देने पर रोक के चलते गणमान्यों को पौधे प्रदान किए गए। इस अवसर पर श्याम जी ने गुरू पर्व के लिए श्री गुरू ग्रन्थ साहिब की स्थाई पालकी साहिब के लिए वाहन देने की घोषणा की, विदित हो कि इस तरह के वाहन की बहुत लंबे समय से आवश्यकता अनुभव की जा रही थी वाहन आ जाने से नगर कीर्तन के साथ साथ अन्य यात्राओं में श्री गुरू ग्रन्थ साहिब की स्थाई पालकी के रूप में प्रयोग किया जाएगा। मुख्य पंडाल के बाहर स्त्री पुरुषों के लिए बनाए गए अलग अलग लंगर पंडालों में लाखों लोगों ने “एक पंगत एक संगत” को चरितार्थ करते हुए सभी धर्मों एवं वर्गों के श्रद्धालुओं ने बिना किसी भेदभाव के लंगर छका, लंगर में श्रद्धालुओं को दाला (दाल), भाजा (सब्जी), प्रसादा (रोटी), सलाद व बोतल बंद पानी वितरित किया गया।
गुरू पर्व आयोजन में यंग मैन सिख एसो. ने जोड़ों (जूते चप्पल), दशमेश शस्त्र दल ने लंगर के प्रवेश द्वारों की व्यवस्था, बीर खालसा दल ने दो पहिया वाहनों की व्यवस्था, गुर सेवक जत्था, कबाड़ी बाजार एसो. गुरु नानक मोटर मार्केट आदि ने लंगर वितरण की व्यवस्था, श्री हेमकुंड सेवा सोसाइटी , यूथ खालसा, रामगढ़िया सभा ने पेयजल व्यवस्था की जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। इस अवसर पर गुरू नानक मोदीखाना ने विशाल रक्तदान शिविर, दशमेश शस्त्र दल सहायता कैंप लगा कर संगत सेवा कर रहे थे।
श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष स. हरविंदर सिंह लार्ड, स. सुखविंदर सिंह भल्ला लाडी, मंजीत सिंह सागरी, मोहन सिंह झास, सुरजीत सिंह लॉर्ड, हरमिंदर सिंह लोंगोवाल, करमजीत सिंह, मीतू सागरी, दया सिंह गांधी, हरजिंदर काले, सुरिंदर सिंह चावला कालू, मनमीत सिंह राजू, मनजीत सलूजा, जयदीप सिंह राजा, पुनीत चावला, देवेंद्रपाल सिंह अरोरा, जसबीर सिंह सलूजा, राजेंद्र सिंह नीटा, अमनजोत सिंह, रमन भल्ला, हरप्रीत सिंह भाटिया, राजू खंडूजा, तारन सिंह, सतनाम सिंह सूरी, गुड्डू छतवाल, गुरदेव सिंह सलूजा, रमिंदर सिंह सांझा, गगन ढींगरा, आदि ने गुरू पर्व समारोह की सफलता के लिए अपने दायित्वों का निर्वाह किया।
इसी प्रकार रात के दीवान में सभी रागी जत्थों एवं प्रचारकों ने गुरुवाणी व कवियों ने कवि सम्मेलन में गुरू गोबिंद सिंह जी के वीर रस के इतिहास को सुना कर संगत को निहाल किया तत्पश्चात आरती, आगमन के शब्दों एवं मध्यरात्रि अरदास के साथ तीन दिवसीय गुरु पर्व का समापन हो गया। सिख बहुल्य क्षेत्रों में गुरू पर्व के पावन अवसर पर व्यापक दीपमाला कर सरबंसदानी गुरू को नमन किया गया। गुरू पर्व समारोह की समाप्ति अरदास से हुई अरदास में सरबत के भले के प्रार्थना के साथ गुरुपर्व के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने का शुक्राना अदा किया गया।

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