कानपुर,(स्वप्निल तिवारी)वासुदेव साई विश्व सेवा संस्थान की ओर से नववर्ष के अवसर पर संगीतमयी श्री साईकथा कार्यक्रम का आयोजन आर्यनगर स्थित गैंजेस क्लब में किया गया। कार्यक्रम में कानपुर के साईभक्तों सहित गुजरात,दिल्ली व मुंबई के भक्त भी कथा श्रवण के लिए कानपुर आए। साईनाथ पर अटल विश्वास से सभी कष्टों का निवारण- साईकथा में प्रख्यात साईकथा वाचक शुभ्रम बहल ने कहा की साईनाथ पर ऐसे विश्वास करना चाहिए जैसे गोद का दुधमुँहा बालक अपनी माँ पर करता है। उसे यह भली भांति ज्ञात होता है कि उसकी माँ की गोद में वह पूर्णतः सुरक्षित है। ठीक इसी प्रकार से बाबा पर अटूट विश्वास करने वालों का अहित कभी नहीं हो सकता। शरणागत के साथ निराकार रूप में रहते साई। बहल ने कहा कि साईनाथ अपने भक्तों के साथ निराकार रूप में निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा के भक्तों को केवल साईनाथ के स्मरण मात्र से बाबा की उपस्थिति का अनुभव हो जाता है। समस्त साई मंदिरों में सनातन पद्धति से पूजन बहल ने कहा कि महाराष्ट्र के शिरडी तीर्थ सहित विश्व भर के समस्त साई मंदिरों में पूर्ण सनातन पद्धति से ही पूजन अर्चन होता है। उन्होंने कथा से पूर्व साईनाथ की पादुकाओं का पंचोपचार पूजन कर राष्ट्र की सुरक्षा, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। साई भक्ति में विनम्रता अनिवार्य साईकथा वाचक शुभ्रम बहल ने कहा कि साईनाथ की अहेतु की कृपा को प्राप्त करने के लिए भक्त का विनम्र होना अति अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि विनम्रता से देवता भी वश में हो जाते हैं। मुख्य रूप से कुमकुम स्वरूप, विनोद बहल,सोनिया अरोड़ा, शशांक बाजपेयी,सुमंगला शुक्ला,मंजू बागला,योगेश खन्ना आदि लोग मौजूद रहे।
श्री साई कथा का आयोजन हुआ


















