वर्तमान नामधारी मुखी ठाकुर दलीप सिंह जी का जन्मोत्सव प्रकाश दिवस नामधारी संगत द्वारा बड़े ही श्रद्धा प्रेम और सेवा भाव के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया,इस पावन अवसर पर संगत ने ठाकुर जी की उन प्रेरणाओं को केंद्र में रखा जो हमें नवीन सोच,, देशभक्ति,, प्रकृति प्रेम,, सामाजिक जिम्मेदारी,, एकता,, स्वाभिमान और धर्म के मूल भाव प्रेम का मार्ग दिखाती हैं,,,,,,,उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करते हुए संगत ने केवल कीर्तन और नाम सिमरन ही नहीं किया,,,,,,, बल्कि इस दिन को सेवा पर्व के रूप में मनाते हुए समाज हित कई महत्वपूर्ण कार्य किए,,,,,,,
विभिन्न स्थानों पर नामधारी संगत ने जो प्रमुख सेवाएं मिल कर निभाईंरेलवे स्टेशन, अस्पताल,, स्कूल आदि सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता वृक्षारोपण ज़रूरतमंद एवं गरीब परिवारों को वस्त्र व उपयोगी सामग्री वितरण किया,,,,,,सरकारी अस्पतालों में लंगर सेवा,,पुलिस विभाग और अन्य संस्थाओं में सहयोग,,गौशालाओं में सेवा,,निर्धन बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा,,महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु ब्यूटीशियन,, सिलाई कढ़ाई आदि नि:शुल्क प्रशिक्षण कोर्स
इन सेवा कार्यों के माध्यम से साध संगत ने न केवल ठाकुर जी के जीवन दर्शन को साकार किया,,,,,,, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि किसी संत या महापुरुष का प्रकाश उत्सव केवल एक परंपरा नहीं बल्कि उनके बताए पथ पर चल कर मानवता की सेवा करना ही उन पर सच्ची श्रद्धा है,,,,,,,
इस प्रकार श्री ठाकुर दलीप सिंह जी के प्रकाश उत्सव को एक नवीन सार्थक और प्रेरणादायक रूप देते हुए नामधारी संगत ने सभी को यह प्रेरणा दी कि,,,,,, गुरु नानक देव जी एवं ठाकुर जी की शिक्षाएं केवल वाणी तक सीमित नहीं बल्कि जीवन में धारण करने योग्य अमूल्य रत्न हैं,,,,,,,


















