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“उत्तर प्रदेश में स्वतन्त्रता आन्दोलन एवं राष्ट्रवाद” विषय पर एक अभिलेख प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन

 

कानपुर नगर। सोमवार को जुहारी देवी गर्ल्स पी० जी० कालेज, कानपुर के सभागार में इतिहास विभाग द्वारा “उत्तर प्रदेश में स्वतन्त्रता आन्दोलन एवं राष्ट्रवाद” विषय पर एक अभिलेख प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन कराया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० सुधीर कुमार अवस्थी, प्रति कुलपति, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ० संजय श्रीहर्ष, राष्ट्रीय संगठन सह-सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति, नई दिल्ली मुख्य वक्ता के रूप में प्रो० अनिल मिश्रा, संयोजक, बोर्ड ऑफ स्टडीज, इतिहास छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, एक अन्य मुख्य वक्ता के रूप में प्रो० समर बहादुर सिंह, सेवानिवृत्त, इतिहास विभागाध्यक्ष, डी० ए० वी० कालेज, कानपुर तथा आशीष सिंह चौहान, सचिव, प्रबन्धतन्त्र, जुहारी देवी गर्ल्स पी० जी० कालेज, कानपुर पधारे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्जवलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर संगीत विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ० आकांक्षा गुप्ता के निर्देशन में उसी विभाग की छात्राओं (दिव्यांशी, शैली, करूणा व सलोनी) द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत तुलसी पौधे के गमले, स्मृति-चिन्ह एवं उत्तरीय पहनाकर किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० रन्जू कुशवाहा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं अभिलेख प्रदर्शनी की अवधारणा को उजागर किया। सचिव, प्रवन्धतन्त्र,आशीष सिंह चौहान ने अपने अभिभाषण में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि ये छात्राओं को न केवल सकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं अपितु अपने देश व राज्य के स्वतन्त्रता आन्दोलन में योगदान को दर्शाते हैं। कार्यक्रम संयोजिका, प्रो० चाँदनी सक्सेना द्वारा विषय प्रवर्तन के पश्चात् समस्त अतिथियों द्वारा मुख्य विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किये गए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य का भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन एवं राष्ट्रवाद के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहाँ की भूमि ने केवल क्रांतिकारी को जन्म दिया बल्कि कई ऐतिहासिक आन्दोलनों विद्रोहो एवं विचार धाराओं की जन्मस्थली भी रही है। यहाँ के वीरों, नेताओं और आम जनता ने मिलकर राष्ट्रवाद की भावना को सशक्त किया।
कार्यकम का मंच संचालन डॉ० आकांक्षा गुप्ता द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की सह-संयोजिका एवं इतिहास विभाग की असिसटेंट प्रोफेसर डॉ० सारिका ने किया। तत्पश्चात सभी अतिथियों, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं द्वारा अभिलेख प्रदर्शनी देखी गयी। बी० ए० एवं एम० ए० की छात्राओं ने वैदिक युग एवं 1857 की क्रांति पर तैयार अपने मॉडल्स भी प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर महाविद्यालय की शिक्षिकाएं डॉ० ज्योतिर्मयी त्रिपाठी, प्रो० ज्ञानप्रभा अग्रवाल, प्रो० सुनीता द्विवेदी, प्रो० अल्पना राय, प्रो० अर्चना दीक्षित, प्रो० अलका द्विवेदी, प्रो० शालिनी अग्रवाल आदि उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

देवेश तिवारी की रिपोर्ट

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