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150वीं वर्षगांठ पर वंदे मातरम् की गूँज, नानाराव पार्क में हुआ सामूहिक गायन

कानपुर नगर

राष्ट्रवाद के अग्रदूत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा वर्ष 1875 में रचित राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नानाराव पार्क में विशेष कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। स्कूली छात्रों, स्काउट, जनप्रतिनिधियों, सांस्कृतिक संस्थाओं, समाजसेवियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने वंदेमातरम् स्मरण उत्सव में उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान वंदे मातरम् का सामूहिक गायन हुआ और स्वतंत्रता आंदोलन में इस गीत की प्रेरक भूमिका को याद किया गया।

महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि वंदे मातरम् हमारे राष्ट्रीय गौरव, सांस्कृतिक धरोहर और स्वाधीनता संग्राम की प्रेरक शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह गीत हर भारतीय को अपनी मातृभूमि के प्रति गर्व, प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है। महापौर ने कहा कि आज का यह आयोजन युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल करेगा और हमें एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाता है।

विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि बंगाल की पावन धरती पर रचित यह गीत भारतीय संस्कृति, मातृभूमि-भक्ति और आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत संगम है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ने राष्ट्रभक्ति की ऐसी अलख जगाई, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को जनांदोलन का स्वरूप दिया। विधायक सरोज कुरील ने वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह गीत राष्ट्रप्रेम, साहस और सर्वस्व अर्पण की प्रेरणा देता है। विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि वंदे मातरम् ने देशभर में स्वाधीनता के प्रति चेतना जगाई और स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊर्जा प्रदान की।

विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति समर्पण और स्वाभिमान का अमर उद्घोष है। यह गीत नई पीढ़ी को देशहित में कार्य करने की प्रेरणा देता है। जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण ने कहा कि वंदे मातरम् भारतीय आत्मा का स्वर है, जिसने हर युग में युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में देशभक्ति, संस्कृति और कर्तव्यबोध मजबूत होता है।

डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम् गीत का अतुलनीय योगदान रहा है। 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के 18 वर्ष बाद रचित यह गीत भारतीय समाज की संस्कृति, सभ्यता और मातृभूमि के प्रति अटूट आस्था का भावनात्मक चित्र प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ने उस दौर में भारतीयों के भीतर आत्मविश्वास, साहस और स्वाभिमान की नई चेतना जगाई। यह गीत अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्षरत देशवासियों के लिए प्रेरणा, शक्ति और एकजुटता का प्रतीक बन गया।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेंद्र अवस्थी, डीसीपी रवींद्र कुमार, डीसीपी श्रवण कुमार, सीडीओ दीक्षा जैन, एसडीएम सदर/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व डॉ विवेक चतुर्वेदी, एडीएम सिटी डॉ राजेश कुमार, जिला विकास अधिकारी आलोक सिंह सहित विभिन्न जनपद स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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